पाकुड़ : पिछले विधानसभा चुनाव में रोजगार देने की वादा कर सरकार तो बन गई लेकिन वादों के हिसाब से सटीक कार्य अभी भी नहीं हो रही है। राज्य सरकार के कई विभागों में अधिकारी एवं कर्मियों का सीट खाली है इसके बावजूद विभाग के द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया आरंभ नहीं की जा रही है। वहीं पिछले तीन महीनों से बिना अधिकारी के चल रही है जिला श्रम विभाग जिसके कारण जिले भर में बाल मजदूरी जोर-जोर से अपना पैर पसार रही है जिसको रोकने वाला या कार्रवाई करने वाला कोई नहीं है। जब इस मामले की सूचना विभाग में बैठे कर्मियों को दी जाती है तो उनका जवाब आता है कि बिना अधिकारी के आदेश का हम लोग क्या कर सकते हैं।

इस विषम गर्मी जहां तापमान लगभग 40 डिग्री तक जा रही है वहीं ऐसे तमाम छोटे बच्चे जो कावड़ा वाला के मालिकों के द्वारा एक बसता देकर कांवदाबचुनने के लिए भेज दिया जाता है चंद पैसों में के लिए दृश्य को दर्शाता है।

जहां एक और राज्य सरकार शिक्षा को बेहतर करने की कई योजनाएं बना रही है वहीं आज भी समाज के ऐसे छोटे बच्चे जो इस उम्र में भी पढ़ाई के जगह अपना और अपने परिवार का पेट पालने के लिए मेहनत मजदूरी कर रहे हैं। इस छोटे से बच्चे ने बताया कि वो सारा दिन कचड़ा चुनने का कार्य करता है और मालिक के यहां जाकर बेच देते है, जो पैसे आता है उसे वो अपने घर पर देते है। उनके साथ लगभग एक दर्जन बच्चे है जो यही कार्य करते है। सवाल सरकार के साथ साथ इन मात पिता पर भी है जो अपने बच्चे को शिक्षा न देकर इस तरह के कार्य में लगा देते है।