पाकुड़ / आमरापाड़ा: झारखंड में ईंट भट्टा के संचालन के लिए कई नियम हैं, जिनमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, खनन विभाग और श्रम विभाग की अनुमति आवश्यक है। अनेक नियम होने के बाद भी इन दिनों आमरापाड़ा प्रखंड अंतर्गत आलूबेरा में सड़क किनारे दर्जनों अवैध तरीके से ईट भट्टो का संचालन किया जा रहा है, जो उन तमाम नियमों के पालन न करते हुए अवैध तरीके से अपना व्यापार करते हुए मोटी रकम कमा रहे है। स्थानीय शुत्रों की माने तो इन अवैध ईट भट्टो पर बाल मजदूरी भी जम कर होती है, क्योंकि पास में ही कोयला कंपनी है और इसी सड़क से कोयला लोड होकर डंपर गुजरती है, इसलिए इन लोगो को अपना ईट भट्टा संचालित करने में कोयले की कमी नहीं होती है।

इस संबंध में आमरापाड़ा अंचलाधिकारी औसफ अहमद से दूरभाष पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह सारा अवैध रूप से संचालित है, यह जानकारी उन्हें भी है जिसकी रिपोर्ट पिछले एक माह पहले डीएमओ को दिया जा चुका है, लेकिन जब भी कार्यवाही करने के लिए हमलोग पहुंचते है तब इन लोगो के द्वारा कानून का हवाला देते हुए कहा जाता है कि यह सभी ईट भट्टा डोमेस्टिक हेतु लगाया गया है।

लेकिन इस संबंध में वो जल्द कड़ी कार्यवाही करने की बात कही। मामला जो भी हो राज्य सरकार के नियमों को ताक पर रखकर इस तरह आमरापाड़ा सहित अगर देखा जाए तो जिलेभर में इस तरह से अवैध तरीके से ईट भट्टा का संचालन धड़ल्ले हो रही है जिसपर जिला प्रशासन रोक लगाने में पूरी तरह से विफल है।