Date: 09 Nov 2024 Time: 9.09 AM
कोडरमा से कौशल पांडेय की ग्राउंड रिपोर्ट: सतगावां प्रखंड के बालिका परियोजना उच्च विद्यालय सिहास में बन रहे भवन निर्माण कार्य में अनियमितता का मामला प्रकाश में आया है। बताया जाता है कि छत ढलाई का कार्य गुरुवार की रात्रि में की गई है और कन्य अभियंता की अनुपस्थिति में यह कार्य किया गया जो चर्चा का विषय बना हुआ है। साथ ही साथ आदर्श आचार संहिता का भी उल्लंघन की गई है। रात्रि में स्कूल ढलाई कार्य जो मुख्य कार्य होता है जेई की अनुपस्थिति में की गई है ।इसे देखने वाला कोई नहीं है। ग्रामीणों के अनुसार बताया जाता है कि छड़, सीमेंट की मात्रा बहुत कम देकर की गई है ।जो आने वाले कुछ दिनों में खतरा साबित हो सकता हैं। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत उपायुक्त से की गई है ।भवन निर्माण कार्य में छत ढ़लाई कार्य मुख्य कार्य होता है और यह कार्य जेई की अनुपस्थिति में रात्रि में करना घोर अनियमितता है।और विभाग के सहायक अभियंता व कार्यपालक अभियंता को यह कार्य की जानकारी तक नहीं है, ऐसे में यह कार्य में लिपा पोती करने का भी मामला सामने आ रहा है। ग्रामीणों के अनुसार बताया जाता हैं कि जेई से पूछा गया कि आपकी अनुपस्थिति में छत ढ़लाई कार्य रात्रि में किया जा रहा है तो जेई ने कहा क्या होगा ढलाई तो हो रहा है। ऐसे कार्य को ग्रामीणों ने जांच पड़ताल कर संवेदक पर कार्रवाई करने की मांग की है और कहा है की रात्रि में ढलाई कार्य करना प्राक्कलन के अनुसार नहीं है। इसकी जांच पड़ताल हो और संवेदक पर करवाई हो ऐसे संवेदक का नाम काली सूची में दर्ज होनी चाहिए। ग्रामीणों ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उपायुक्त कोडरमा से संवेदक पर कार्रवाई की मांग की है। मांग करने वालों में विनोद कुमार, अशोक कुमार, सुबोध कुमार ,सुरेश कुमार, रमेश कुमार, प्रदीप कुमार, संतोष कुमार ,अविनाश कुमार ,राजेश कुमार ,लवकुश कुमार यदि का नाम शामिल है। वही इस संबंध में प्रधानाध्यापक से पूछे जाने पर बताया कि अधिकांश कार्य जेई की अनुपस्थिति में की गई है फिर भी विभाग चुप है।ऐसे में हम क्या कर सकते हैं यह तो विभागीय मुद्दा है स्कूल निर्माण कार्य सही और ठोस होगा तो इसमें गांव की ही भलाई है गांव वाले इस मामले को उठावे और कार्रवाई की मांग कर सकते हैं। वहीं विधानसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता भी लगी हुई है और आचार संहिता का उल्लंघन किया गया ।इस पर विभागीय कार्रवाई या चुनाव आयोग के द्वारा भी कार्रवाई किया जा सकता है। ग्रामीणों के अनुसार ढलाई कार्य में भी वाइब्रेटर मशीन का प्रयोग नहीं किया गया। जरूरत है ऐसे मामले पर जिला प्रशासन सहित राज्य चुनाव आयोग को कड़ी कार्यवाही करने की ताकि इस तरह के मामले दोबारा न हो, कही न कही ग्रामीण बच्चों के भविष्य का मामला है।

