पाकुड़ विशेष : इसी वर्ष पिछले 6 अप्रैल को नगर परिषद क्षेत्र में संचालित सभी तरह के मांस विक्रेताओं के लिए नगर परिषद ने एक नोटिस जारी कर निर्देश किया था जिसमें कई बिंदुओं को कड़ाई से पालन करना था साथ ही नगर परिषद में कार्यरत टैक्स दरोगा, लाइसेंस इंस्पेक्टर, सेनेटरी इंस्पेक्टर को भी पत्र पर निर्देशित किया गया था कि सभी नियमों को कड़ाई से पालन भी करवाना है लेकिन लगभग डेढ़ महीना बीत जाने के बाद भी आज तक एक भी नियमों का पालन होते नहीं दिख रहा है। सबसे बड़ी बात हाटपाड़ा स्थित हटिया परिसर में एक शिव जी का मंदिर है जहां स्थानीय भक्त पूजा करने सुबह आते है, और पूजा करने के रस्ते में कत्ल और कटा हुआ मांस एवं सड़कों पर खून को लांघते हुए मंदिर जाने को मजबूर हो जाते है भक्त।

इस मामले पर प्रशासक को कई बार सूचना भी दिया जा चुका है, साथ ही इसी के तहत आदेश भी जारी हुआ लेकिन विभाग के सभी दरोगा और इंस्पेक्टर इतना कमजोर है कि आजतक नियमों को इन मांस विक्रेताओं के बीच लागू ही नहीं कर सका। ज्ञात हो विभागीय आदेश के तहत ज्ञापांक 433 , दिनांक 06/03/25 को लिखित आदेश दिया गया था जिसके तहत सभी मांस विक्रेताओं को निर्देशित किया गया था कि 01. सक्षम स्तर से निर्गत लाईसेन्स की एक प्रति दुकान में सुरक्षित रखना सुनिश्चित करेंगे अन्यथा जाँच में लाईसेन्स दुकान में नहीं पाये जाने पर 5000.00 रू० का दंण्ड शुल्क लिया जायेगा एवं दुकान को सील करने की कार्रवाई की जायेगी। 02. वध हेतु अधिकतम पशु (बकरा/बकरी) की संख्या-10।3. वधशाला नियमित साफ-सुथरा होना चाहिए।4. वधशाला में पशुवध स्थान को शिशे / अन्य के दिवार के अन्दर चिन्हित रखे एवं उसी स्थान पर पशुवध करेंगे, ताकि आमजनो को इससे कोई कठिनाई न हो।5. वधशाला में पशुवध के उपरान्त रक्त का प्रवाह खुली नाली में नहीं करेंगे।6. किसी परिस्थिति में एक पशु के समक्ष दुसरे पशु का पशुवध नहीं करेंगे।7. गर्भवती पशु, तीन माह से कम उम्र के पशुओं के माताओं, बीमार पशुओं तथा तीन माह से कम आयुवर्ग के पशु शिशुओं का पशुवध नहीं करेंगे।8. पंजीकृत/सरकारी सक्षम स्तर के जाँचकर्त्ता द्वारा अनिवार्य रूप से वध हेतु प्रस्तुत प्रत्येक पशु का वध से पूर्व स्वास्थ परीक्षण तथा वधोपरान्त शव परीक्षण कराया जाना अनिवार्य हैं।9. वधशाला स्थल का परिवर्तन/परिसर वृद्धि अथवा बंद करने की सूचना निगम को पूर्व में देना अनिवार्य होगा ।10. बिना पंजीकरण एवं एन०ओ०सी० के वधशाला संचालित नहीं करेंगे। पंजीकरण एवं एन०ओ०सी० के अवधी समाप्ति के एक माह पूर्व इसका नवीकरण का आवेदन देना अनिवार्य हैं अन्यथा नवीकरण में विलम्ब होने पर झारखण्ड नगरपालिका अधिनियम 2011 की सुसंगत धाराओं के अधीन Penalty देय होगा एवं कानूनी कार्रवाई किया जायेगा। साथ ही लिखा गया था कि उपरोक्त कंडिका 01 से 10 तक के आदेशो का पालन करना अनिवार्य है अन्यथा एन०ओ०सी० निरस्त करने की कार्रवाई की जायेगी। लेकिन विभाग के आदेश का भी डर इस सरकार में किसी को नहीं है।