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हिरणपुर तोड़ाई में बैठे एटीएम लॉटरी माफिया हृदय का कारोबार सबसे आगे

बेखौफ गली मोहल्ले में फैला है बर्बाद होने वाला अवैध कारोबार

पाकुड़ संवाददाता : राज्य में लॉटरी का कारोबार पूर्ण रूपेण प्रतिबंधित है, जिसको लेकर समय समय पर पुलिस द्वारा छापेमारी भी किया जाता है, लेकिन इन दिनों बंगाल से सटा पाकुड़ जिला इस अवैध कारोबार का सैफ जोन माना जा रहा है, यहां लगभग हर चौक, चौराहा में आसानी से खुलेआम लॉटरी बेचते एजेंट दिख जायेगा। वही इन दिनों ताजा रिपोर्ट माने तो हिरणपुर प्रखंड अंतर्गत तोराई गांव में अवैध एटीएम लॉटरी टिकट का कारोबार भी धड़ल्ले से चलाया जा रहा है, जिसे स्थानीय लॉटरी माफिया हदया नमक व्यक्ति द्वारा जम कर चलाया जा रहा है लेकिन यह कारोबार केवल एक छोटे से गांव तक सीमित नहीं है, यह पूरे जिले में फैल चुका है जैसे मकड़ी के जाले की तरह और यह कहीं न कहीं पुलिस की नाकामी को उजागर कर रहा है।

सूत्रों के अनुसार हृदया अपने दो मालिकों, झुनझुन वाला और आशीष बिहार वाले के इशारे पर यह काले धंधे को चला रहा है और यह पूरा नेटवर्क अब इलाके में चर्चा का विषय बन चुका है। इस अवैध कारोबार से जुड़ी गतिविधियां इतनी गहरी हैं कि स्थानीय लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं, पुलिस प्रशासन की ओर से कोई भी ठोस कार्रवाई नजर नहीं आ रही है। पाकुड़ में शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक अवैध प्रतिबंधित लॉटरी का कारोबार दिन-ब-दिन बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन स्थानीय पुलिस के द्वारा किसी भी तरह की सख्त कार्रवाई अभी तक देखने की नहीं मिल रही है। सबसे बड़ी दुर्भाग्य इस बात की है जब थाना से महज 100 मीटर की दूरी पर ही यह कारोबार शान से चल रहा है।

हम बात कर रहे है नगर थाना के ठीक सामने महज कुछ मीटर की दूरी पर स्थित हाटपाड़ा हटिया में सुबह 7 बजे से रॉकी चाय की दुकान से शुरू होती है यह कारोबार, और तकरीबन दर्जनों एजेंट अपने जेब या प्लास्टिक में एटीएम की फर्जी प्रतिबंधित लॉटरी लेकर अपने ग्राहकों को लुभाने में लग जाते है, इस धंधे में कई लोग अब तक अपनी मेहनत की कमाई भी गंवा चुके हैं, और इस धंधे में शामिल लॉटरी माफिया हृदया सहित अन्य दिन-प्रतिदिन और भी ज्यादा शातिर होते जा रहे हैं और अपने अवैध कारोबार को बेरोकटोक चला रहे हैं। स्थानीय लोगों की माने तो शाम को हटिया स्थित रॉकी चाय दुकान में मानो मेला जैसे नजारा दिख जायेगा, कई आग एजेंट के साथ साथ ग्राहकों का भी भीड़ जमा रहता है, आखिर खरीदार को जो करोड़पति बनने का भूख जो संवार है।

इन दिनों सभी की जुबान पर एक ही चर्चा है कि खुलेआम संचालित इस प्रतिबंधित अवैध लॉटरी पर आखिर जिला पुलिस प्रशासन चुप क्यों है, कब तक इसी तरह लोगो की घड़े उजड़ती रहेगी। इस अवैध धंधे से जब सरकार को कोई राजस्व नहीं होता है तो फिर यह धंधा किसके संरक्षक पर फल फूल रहा है। एक कागज के टुकड़े को बेचकर सब मालामाल हो रहे है वही दूसरी और गरीब, मजदूर लोग दिनभर की कमाई भी गंवा रहे है। अवैध कारोबार को रोकने की जिम्मेदारी जिस खाकी को शपथ ग्रहण करते वक्त दी जाती है आखिर किस दबाव में खाकी चुप है, जो आज सभी के जुबां पर एक सवाल है।

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