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दुर्भाग्य: कई आवास योजना होने के बाद भी, बांस के घर में रहने को मजबूर एक वृद्ध

प्रीतम सिंह यादव की ग्राउंड रिपोर्ट

पाकुड़ संवाददाता : केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना एवं झारखंड में अबुआ आवास योजना ताकि राज्य के गरीबों को आवास बन सके, जिसको लेकर पूरा सिस्टम युद्ध स्तर पर कार्य करती है एवं कर रही है। लेकिन दुर्भाग्य इस बात का है करोड़ों खर्च करने के बाद भी पाकुड़ नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत वार्ड संख्या 16 स्थित बकतीपाड़ा में 77 वर्ष के एक बुजुर्ग विश्वनाथ राय आज भी इस डिजिटल 5 जी इंडिया में बांस के घर में जीवन यापन कर रहे है, सबसे बड़ी बात इस मोहल्ले लगभग सभी को सरकार द्वारा आवास प्राप्त हो चुका है, लेकिन एक मात्र यह बुजुर्ग है जिसे आज तक आवास नसीब नहीं हो पाया है।

वही इस मामले में विश्वनाथ ने तहलका न्यूज 24 को विशेष रूप से बताते हुए कहा कि उनकी पत्नी गुजर चुकी है वो अकेले ही इस छोटे से घर में रहता है, उनके लड़के और बहु है वो लोग भी टाटी के घर में ही रहता है, सबको आवास मिला, उसने भी आवेदन कई बार किया है लेकिन कोई पहल नहीं हुआ, एक बार उनके द्वारा स्थानीय वार्ड के जन प्रतिनिधि को भी आवेदन दिया गया था, जिसपर कुछ दिन के बाद पूछने पर जनप्रतिनिधि ने कागज घर पर ही छूट जाने की बात कहकर टाल दिया। उन्होंने मीडिया के माध्यम से जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार से आवास प्रदान करने की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि उनका लड़का मजदूरी करता है तथा उनकी बहु दूसरों के घर में काम कर जीवन यापन करता है, वे लोग बेहद गरीब और बेसहारा है। सबसे बड़ी बात चाहे ठंड हो या बरसात या गर्मी यह परिवार इस बांस के घर में आज भी रहने को मजबूर है।

क्या कहा नगर परिषद के प्रशासक

वही इस मामले पर नगर परिषद के प्रशासक अमरेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि दो माह हुई है उनके आने से जिसमें चुनाव में एक महीना निकल गया, लेकिन ऐसे मामलों पर वो बहुत सजग है, उसने फिर से सारे जरूरतमंद कागजातों के साथ जमा करने को कहा, और वो इस मामले पर जरूर पहल करेंगे।

जो भी हो लेकिन इस मामले पर जिला प्रशासन सहित राज्य सरकार को अतिशीघ्र पहल करनी चाहिए क्योंकि जिस वादों के साथ हेमंत सरकार ने दोबारा बहुमत के साथ सरकार बनाई है, उस के हिसाब से राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन को इस मामले पर तुरंत संज्ञान में लेते हुए आवश्यक पहल करनी चाहिए।

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