रांची डेस्क : झारखंड विधानसभा चुनाव में एनडीए को बहुमत नहीं मिला वहीं भाजपा को मात्र 21 सीट और आजसू के खाते में एक सीट मिला, जिस पर पार्टी अपने स्तर से लगातार मंथन कर रही है, वहीं इसी बीच कोल्हान के टाइगर तथा झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने सोशल प्लेटफॉर्म X पर लिखकर बांग्लादेशी घुसपैठ के मामलों पर आंदोलन की बात कही। उन्होंने लिखा कि उन्होंने पहले भी कहा था, झारखंड में लगातार बढ़ रहे बांग्लादेशी घुसपैठ के खिलाफ हमारा आंदोलन कोई राजनैतिक या चुनावी मुद्दा नहीं, बल्कि एक सामाजिक अभियान है। हमारा स्पष्ट तौर पर मानना है कि वीरों की इस माटी पर घुसपैठियों को किसी भी प्रकार का संरक्षण नहीं मिलना चाहिए। पाकुड़, साहिबगंज समेत कई जिलों में आदिवासी समाज आज अल्पसंख्यक हो चुका है। अगर हम लोग वहाँ के भूमिपुत्रों की जमीनों और वहाँ रहने वाली बहू-बेटियों की अस्मत की रक्षा ना कर सके, तो…? चुनावी गहमागहमी के बाद, वीर सिदो-कान्हू, चांद-भैरव एवं वीरांगना फूलो-झानो को नमन कर के, बहुत जल्द हम लोग संथाल परगना की वीर भूमि पर अपने अभियान का अगला चरण शुरू करेंगे। सरकारें आएंगी-जाएंगी, पार्टियां बनेंगी-बिगड़ेंगी मगर हमारा समाज रहना चाहिए, हमारी आदिवासियत बची रहनी चाहिए, अन्यथा कुछ नहीं बचेगा। इस वीर भूमि से फिर एक बार “उलगुलान” होगा।