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कन्या प्राथमिक विद्यालय कटहरा के बच्चों के भविष्य से सचिव कर रहे है खिलवाड़

बच्चों का भोजन बंद, शिक्षक करते है मनमानी।

कोडरमा / कौशल पांडेय की ग्राउंड रिपोर्ट : “पड़ेगा झारखंड बढ़ेगा झारखंड” जैसे तमाम योजनाओं को लेकर सरकार कई परियोजना करोड़ों रुपए के लागत से संचालित करती है ताकि समाज के बच्चे बेहतर तरीके से पढ़ पाए और शिक्षित समाज का निर्माण हो सके। लेकिन दुर्भाग्य इस बात की है जिनके कंधों में शिक्षा जगत की जिम्मेदारी को दी जाती है वही लोग अपने मनमर्जी और अवैध कमाई के चक्कर में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने से पीछे नहीं हटते है। मामला राज्य के कोडरमा जिले अंतर्गत सतगावां प्रखंड के मरचोई पंचायत के एक सरकारी विद्यालय कन्या प्राथमिक विद्यालय कटहरा की है, जहां बच्चों के भविष्य से किया जा रहा है खिलबाड़। अक्सर कन्या प्राथमिक विद्यालय कटहरा के सचिव शिक्षक हरुण के द्वारा मनमाने ढंग से विद्यालय के कार्य को किया जाता हैं। वही पूर्व में भी विद्यालय के सचिव को कई बार सुधार करने हेतु निर्देश दिया गया था, लेकिन सुधार करना तो छोड़िए सचिव के द्वारा शिक्षा विभाग के बनाये नियम को भी ताक पर रख कर अपना मनमानी करते है। ज्ञात हो सरकारी विद्यालय में बच्चों को भोजन देने का कार्य सरकार पूरी प्राथमिकता से करती है ताकि बच्चे स्वस्थ भोजन कर बेहतर शिक्षा विद्यालय से प्राप्त कर सके लेकिन इस विद्यालय में कभी मध्यान भोजन बनता है, तो कभी नहीं बनता है, कभी शिक्षक विद्यालय में रहते हैं तो कभी हाजरी बनाकर गायव रहते हैं। यह कोई नई बात नहीं है, करीब डेढ़ दो वर्षों से चल रहा है। ऐसा ही कुछ नजारा 29 नवंबर दिन शुक्रवार को पुनः देखने को मिला, विद्यालय पहुंचते ही बच्चों को बाहर घूमता नजर आया, कुछ क्लास में थे और कुछ बच्चे विद्यालय के ग्राउंड में खेल रहे थे। विद्यालय के मध्यान भोजन बनाने वाले पाकशाला में ताला जड़ा हुआ था, विद्यालय के आफिस में दो शिक्षक बैठे हुए थे। विद्यालय में जहां तहां खाने वाले प्लेट, पीने वाले प्लास्टिक के ग्लास फेंके हुए थे। वही बाहर घूमने वाले बच्चे आपस में बात करते हुए अपने घर खाना खाने जा रहे थे की विद्यालय में खाना नहीं बना था ,तो बच्चों से बात करने पर बताया की हमलोग खाना खाने घर जा रहे हैं,विद्यालय में खाना नहीं बना है।वही विद्यालय के सचिव हरुण इस विषय पर बतायें की गैस नहीं रहने के कारण,आज खाना नहीं बना है।लेकिन बच्चों ने बताया की दो दिन से नहीं बना,तो शिक्षक ने कहा कि कल से नहीं बना है। विद्यालय के शिक्षक के अनुपस्थित रहने पर बतायें की तीन शिक्षक में एक शिक्षक छुट्टी लेकर कहीं गये हुए और बाकी के शिक्षक पर टालमटोल वाला जवाब मिलने लगा। शिक्षा विभाग के द्वारा बच्चों के मध्यान भोजन के लिए साप्ताहिक मेनू तैयार किया गया लेकिन अक्सर कन्या प्राथमिक विद्यालय के सचिव के द्वारा बच्चों को शिक्षा विभाग के बनाये गये नियमों को ताक पर रखकर काम को किया जाता है,जबकि शिक्षा विभाग के वरिय पदाधिकारीयों इस विषय में कई बार जानकारियां दी जाती है लेकिन ऐसा प्रतीक होता है कि शिक्षा विभाग के वरिय पदाधिकारीयों के मिलीभगत के कारण कोई कार्रवाई नहीं होती है। वही इस मामले पर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों पर स्पष्टीकरण मांगा जायेगा।

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