डेस्क : मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग झारखंड सरकार की अधिसूचना संo-1679 दिनांक-06/12/2024, पत्रांक-सी.एस.-01/आर.-08/1680/2024 द्वारा झारखंड राज्य के 11 मंत्रिगणों के बीच विभागों के किए गए आवंटन के बाद मुख्यमंत्री सचिवालय राँची के विज्ञप्ति संo-309/2024, दिनांक-06 दिसंबर,2024 झारखंड मंत्रालय,रांची द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में 06 दिसंबर 2024 को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक संपन्न हुई । जिसमें राज्य सरकार के सभी मंत्रियों को अपने-अपने विभागीय कार्यों के सम्पादन हेतु महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर परामर्श लिया गया जो वर्तमान सरकार के इस कार्यकाल में निम्न तथ्यों का ध्यान रखे जाने की अनिवार्यता जाहिर की गई है

1.मंत्रिपरिषद में भेजे जाने वाले प्रस्ताव पर स्वयं संतुष्ट हो लें । वित्त विभाग/विधि विभाग/कार्मिक विभाग से भी सम्पर्क करें, ताकि ससमय मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रस्ताव आ सके ।
2. सभी मंत्रीगण अपने-अपने विभाग के सभी जिला के क्षेत्रीय कार्यालय में जा कर विभागीय कार्यकलाप की समीक्षा करें तथा विभागीय योजना के लाभुकों से मुलाकात कर feedback लें ।
3. विभागीय कार्यकलाप की समीक्षा करें । सभी योजनाओं को समझ कर उसके गुण-दोष का अध्ययन करें ।
4. वैसी योजनाएँ जो बहुत दिनों से लम्बित हैं, उसके लम्बित रहने के कारणों की समीक्षा करें और उसको पूरा कराने के लिए कार्रवाई करें ।
5. कई योजनाएँ ऐसी हैं, जिसमें आज की पृष्ठभूमि में बदलाव अपेक्षित है या फिर कुछ प्रावधान के कारण क्रियान्वयन में कठिनाई हो रही है, उसके निराकरण का प्रस्ताव प्राप्त कर कार्रवाई करें ।
6. राज्य में आपके विभाग की योजना से अगर कोई क्षेत्र छूटा हुआ है, खासकर दूर-दराज के क्षेत्र, SC/ST क्षेत्र, पहाड़ी क्षेत्र उसके लिए योजना के प्रस्ताव पर विचार करें ।
7. वैसे विभाग जिसमें राजस्व प्राप्ति की बेहतर संभावनाएँ हैं, उसके राजस्व-स्रोत की समीक्षा कर राजस्व प्राप्ति की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव तैयार करें ।
8. भवन जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर वाली योजना की विशेष समीक्षा करें ताकि, बने हुए भवन का वास्तविक इस्तेमाल हो सके । अनावश्यक भवन आदि की योजना न लिया जाय ।
9. वर्ष 2025-26 में ली जाने वाली योजनाओं की रूप-रेखा तैयार करें ।
10. अधीनस्थ अधिकारी, कर्मचारी की प्रोन्नति की स्थिति की समीक्षा करें और प्रोन्नति प्रदान करें ।
11. पदस्थापना की समीक्षा करें और आवश्यकता या कम जरूरी के आधार पर एडजस्टमेंट करें ।
12. आप्त-सचिव तथा निजी स्टाफ रखते समय उनकी पृष्ठभूमि जरूर देख लें ताकि विवादित कर्मी मंत्री कार्यालय में स्थान न पा सकें ।
13. कोर्ट केस मामले की भी समीक्षा करें ताकि सरकार केस को कम से कम हारे ।
14. अपने विधान-सभा क्षेत्र से बाहर भी हर जिला में भ्रमण करें और लोगों से मिलकर वहाँ की समस्याओं (खासकर अपने विभाग से संबंधित) के निपटारे के लिए प्रयास करें ।
15. क्षेत्रीय पदाधिकारियों के बारे में क्षेत्र-भ्रमण के क्रम में फीडबैक प्राप्त करें और माननीय मुख्यमंत्री को समय-समय पर अवगत कराएँ।
16. स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मिलने के लिए तिथि का निर्धारण कर लें ताकि सभी को सहूलियत हो ।
17. सभी मंत्रीगण समय-समय पर अपने विभाग की उपलब्धियों के विषय में भी प्रेस के प्रतिनिधियों से प्रेस-काॅन्फ्रेंस कर जानकारी उपलब्ध कराते रहेंगे ।
बैठक में वित्त विभाग, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, परिवहन विभाग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग,श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग,जल संसाधन विभाग,ग्रामीण विकास विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग,नगर विकास एवं आवास विभाग तथा कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग एवं अन्यान्य विभागों के मंत्रीगण उपस्थित थे ।