पाकुड़ संवाददाता: झारखंड में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सर्वजन दवा सेवन अभियान (एमडीए) चलाया जाता है। इस अभियान के तहत, लोगों को फाइलेरिया रोकने वाली दवा खिलाई जाती है। इस अभियान के तहत, स्वास्थ्यकर्मी, सहिया, आंगनबाड़ी सेविका, और स्वयंसेवी संस्था के सदस्य लोगों को दवा खिलाते हैं. इस अभियान में ट्रिपल ड्रग दी जाती है. इसमें आइवरमेक्टिन, डीइसी, और एल्बेंडाजोल दवाएं शामिल हैं। इस अभियान के तहत, दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, और गंभीर रूप से बीमार लोगों को दवा नहीं दी जाती।

फाइलेरिया संक्रमण आमतौर पर बचपन में होता है, लेकिन इसके लक्षण आठ से नौ साल के बाद दिखाई देते हैं. अगर बीमारी की पहचान समय पर न हो, तो यह पूरे शरीर को खराब कर सकती है। भारत सरकार ने 2027 तक लिम्फ़ेटिक फ़ाइलेरियासिस को खत्म करने का लक्ष्य रखा है। इसी को लेकर बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की और से कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ गुफरान आलम एवं राज किशोर प्रसाद, केटीएस ने उपस्थित प्रखंड के सभी मुखिया, जेएसपीएलस, उप प्रमुख को विस्तार जानकारी दी गई। सभी को बताया गया कि आगामी 10 फरवरी से 25 फरवरी तक चलने वाले एमडीए कार्यक्रम में सभी योगदान देने का कार्य करेंगे तथा आस पास आम लोगों को जागरूक भी करने का अनुरोध किया गया। यह बैठक प्रखंड विकास पदाधिकारी अल्फ्रेड मुर्मू की अध्यक्षता में की गई।
