पाकुड़ : मंगलवार को जब पत्रकार पहुंचे मध्य विद्यालय, कूड़ापाड़ा सुबह 7 बजकर 50 मिनट पर तो विद्यालय के बच्चे बाहर बैठकर खेलते दिखे एवं कुछ विद्यार्थी अपने कक्ष में शोर शराबा करते भी दिखे। तुरंत मामले की पूरी तस्वीर कैमरे में कैद कर ली गई लेकिन थोड़ी देर में जैसे ही विद्यालय के मास्टर साहब को पता चला कि पत्रकार विद्यालय पहुंचकर अपने कमरे में वीडियो और तस्वीर को कैद कर रहे हैं तुरंत हल्ला करते हुए सभी बच्चों को लाइन में लगने हेतु आदेश दे दिए और प्रार्थना जो सुबह 7:00 बजे होना था वह उसकी तैयारी में जुट गए। मतलब साफ तंखा तो सरकार देती है लेकिन हम नियम से विद्यालय का संचालन भी नहीं करते हैं और इस तरह के कारनामे की देखरेख भी करने न ही प्रखंड से कोई पदाधिकारी पहुंचते हैं और ना ही जिले के कोई पदाधिकारी शुद्धि लेना उचित समझते हैं। विद्यालय का दृश्य देखकर नहीं लगा कि यह विद्यालय है जहां बच्चों को शिक्षा दी जाती है । सवाल फिर जिला शिक्षा विभाग पर खड़ी होती है कि जिन कंधों में बच्चों को शिक्षा देने की जिम्मेदारी होती है आखिर वो इतना कमजोर क्यों है।