Homeप्रदेशझारखण्डजर्जर भवन में पड़ने को मजबूर आंगनबाड़ी के बच्चे

जर्जर भवन में पड़ने को मजबूर आंगनबाड़ी के बच्चे

कभी भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है

पाकुड़ : एक और जहां राज्य सरकार बेहतर शिक्षा को लेकर कई योजनाएं एवं करोड़ों खर्च कर रही है लेकिन नौनिहालों का पहला कदम जहां जीवन का पहली शिक्षा की शुरुआत होती है उसी जगह पर बच्चे जान हथेली में रखकर अपना शिक्षा की शुरुआत करने को मजबूर है। मामला सदर प्रखंड अंतर्गत इशाकपुर पंचायत के फैजुलपाड़ा का आंगनबाड़ी भवन जो खंडर में तब्दील हो चुका है जिसपर आज तक विभाग के अधिकारी, सुपरवाइजर का ध्यान नहीं गया।

इस मामले पर सेविका रूमेला बीबी ने बताया कि इस केंद्र में कुल 40 बच्चे नामांकित है लेकिन भवन की स्थिति बहुत ही दयनीय है, रसोईघर में जमीन फट गया है, सांप और बिच्छू सहित अन्य कई प्रकार के कीड़े निकलते रहता है, जिस कमरे में बच्चे को बैठाया जाता है वहां भी जमीन फट कर मिट्टी बाहर आ चुका है, चारों और फटा हुआ है, बहुत डर लगता है, उन्होंने बताया कि डर मुझे बच्चों का रहता है जिसके कारण हम सही से बच्चों को पढ़ा भी नहीं पाते है। इस मामले पर कई बार सुपरवाइजर से लेकर विभाग को जानकारी दी गई है, यहां तक कि पंचायत के मुखिया तक को बोला गया है लेकिन इस मामले पर आज तक सकारात्मक पहल नहीं हुआ है। वही मौजूद ग्रामीणों ने भी नए भवन की मांग करने लगा, जल्द इस मामले पर एक आवेदन भी दिया जायेगा।

लेकिन सवाल आज भी है कि सरकार के पास इतनी बड़ी सिस्टम जहां पंचायत से लेकर जिला और राज्य तक कर्मी एवं पदाधिकारी लगे रहते है और शिक्षा आज के समय में एक महत्वपूर्ण विषय है फिर भी यह हाल सरकार के विकास पर एक सवाल खड़ा करती है। बरहाल जो भी हो लेकिन इस मामले पर विभाग एवं जिला प्रशासन को संज्ञान लेने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में कोई बड़ी दुर्घटना न हो सके। वही इस मामले पर प्रभारी सीडीपीओ सह अंचलाधिकारी भागीरथ महतो के दूरभाष पर संपर्क किया गया लेकिन उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया।

जिला समाज कल्याण पदाधिकारी बसंती ग्लैडिश बाड़ा ने बताई कि जिलेभर में कुल 62 आंगनबाड़ी ध्वस्त कर नए भवन बनाने का योजना तैयार किया जा चुका है जो जल्द धरातल पर दिखेगा, बाकी ये मामला आपलोग के द्वारा मेरे पास आया है, इसपर जांच करते हुए जरूर पहल की जायेगी।

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